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प्यारे ख़ान की पहल से 18 कैदियों को मिली ज़मानत

ज़मानत के पैसे न होने से वर्षों जेल में फंसे थे कैदी

नागपुर – जिला मध्यवर्ती कारागृह में वर्षों से बंद 18 कैदियों को अब खुली हवा में सांस लेने का अवसर मिला है। महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष (मंत्री दर्जा) श्री प्यारे ख़ान की पहल पर इन सभी कैदियों की जमानत राशि अदा कर उनकी रिहाई की गई है। इनमें से पहले चरण में 14 कैदियों की रिहाई के आदेश गुरुवार को जेल प्रशासन को प्राप्त हुए, जबकि शेष चार कैदियों को शीघ्र ही रिहा किया जाएगा।

4 जून को नागपुर जिला मध्यवर्ती कारागृह के दौरे के दौरान श्री प्यारे ख़ान को जानकारी मिली थी कि अनेक ऐसे कैदी हैं जिनकी जमानत मंज़ूर हो चुकी है, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वे ₹2,000 से ₹50,000 तक की जमानत राशि भरने में असमर्थ हैं। इस पर उन्होंने जेल अधीक्षक वैभव आगे और जिला न्यायिक अधिकारी ऋषिकेश ढाले को निर्देश दिया कि ऐसे कैदियों की पहचान की जाए जो न तो गंभीर अपराधी हैं, न ही आदतन अपराधी, और जिनका आचरण भी जेल में अनुकरणीय रहा है।

इसके बाद जेल प्रशासन और अधिवक्ताओं की मदद से ऐसे 18 कैदियों की सूची तैयार की गई। सूची प्राप्त होते ही श्री ख़ान ने स्वयं आगे बढ़कर इन सभी की जमानत राशि का भुगतान किया, जिससे उनकी रिहाई संभव हो सकी।

रिहाई के पश्चात कैदियों से संवाद करते हुए श्री प्यारे ख़ान ने उन्हें सख़्त हिदायत दी कि वे भविष्य में किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों से दूर रहें। उन्होंने कहा “अपराध न केवल समाज, बल्कि व्यक्ति और उसके पूरे परिवार को भी तबाह कर देता है। ऐसे में सही रास्ते पर लौटना ही असली सुधार है।”

रिहा हुए कैदियों ने श्री प्यारे ख़ान के प्रति आभार प्रकट करते हुए यह संकल्प लिया कि वे अब अपराध की राह पर नहीं लौटेंगे और समाज में एक जिम्मेदार व ईमानदार नागरिक की तरह जीवन व्यतीत करेंगे।

*रिहा किए गए कैदियों के नाम इस प्रकार हैं:*

नंदकिशोर पडोले, राकेश नरकांडे, चेतन पाल, कार्तिक ढोले, प्रणव ठाकरे, रेखा ख़मारी, संतोष क़तारे, ओमप्रकाश लहारे, तुषार बोपचे, संतोष राजपूत, जीतू समुद्रे, शिवा चौधरी, दिनेश सदाफ़ुले, अजय वारखड़े

*जनसंपर्क विभाग*
महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग

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